बिजनेस ब्यूरो
देश में मंहगाई धन्नासेठों को छोड़कर आम आदमी के लिए वाकई अब डायन बन गयी और डायन के बारे में कहा जाता है कि वह अपने बच्चों को भी खा जाती है. अब फुटकर मंहगाई दर के बाद थोक मंहगाई इंडेक्स ने भी लम्बी छलांग मारी है और 14.55 फीसदी पर पहुंच गई. इस साल फरवरी में थोक महंगाई दर 13.11 फीसदी पर रही थी. पिछले साल मार्च में थोक महंगाई दर 7.89 फीसदी पर रही थी. यहाँ यह बताने की ज़रुरत नहीं कि किन किन चीज़ों के दाम बढ़ने से मंहगाई अपने चरम पर है क्योंकि कुछ भी उठाकर देख लीजिये, हर वस्तु के दाम दो गुने तीन गुने हो चुके हैं. इसलिए किसी एक चीज़ को दोष नहीं दिया जा सकता। हालाँकि सरकार इन सबका ठीकरा अब रूस-यूक्रेन युद्ध पर थोप रही है जबकि मंहगाई का यह दानव इस युद्ध से बहुत पहले आम लोगों के बजट को निगल रहा है.

सरकार की ओर से सोमवार को जारी डेटा के मुताबिक मार्च, 2022 में फूड इंफ्लेशन 8.71 फीसदी पर पहुंच गया जो फरवरी में 8.47 फीसदी पर रहा था. कॉमर्स मिनिस्ट्री के फूड आइटम्स की लिस्ट में अनाज, धान, गेहूं, दालें, सब्जियां, आलू, प्याज, फल, दूध, अंडे, मांस और मछली शामिल हैं.

मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, फ्यूल और पावर इंफ्लेशन मार्च में 34.52 फीसदी पर पहुंच गया जो फरवरी में 31.5 फीसदी पर था. मिनरल फ्यूल की कीमतों में 9.19 फीसदी की बढ़ोतरी की वजह से फ्यूल और पावर इंफ्लेशन में ये तेजी आई है. मार्च में मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की महंगाई 10.71 फीसदी पर पहुंच गई, जो फरवरी में 9.84 फीसदी पर थी. इस कैटेगरी में वेजिटेबल और एनिमल ऑयल एवं फैट्स, बीवरेजेज, तंबाकू प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल, Wearing Apparel, लेदर और संबंधित प्रोडक्ट्स एवं अन्य शामिल हैं.

थोक महंगाई दर का ये आंकड़ा ऐसे समय में आया जब खुदरा महंगाई दर पहले ही रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है. पिछले महीने खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी पर पहुंच गई. ये 17 महीने का उच्च स्तर है. आरबीआई ने बढ़ती महंगाई को संज्ञान में लिया है. इसके बाद केंद्रीय बैंक ने बढ़ती महंगाई से निपटने की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया है.

आरबीआई ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए महंगाई दर से जुड़े अनुमान को 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया है. केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति से जुड़े फैसले लेते समय CPI या खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है. केंद्रीय बैंक इसके लिए थोक महंगाई दर पर गौर नहीं करता है.