नई दिल्ली: कोरोना के कहर ने इंसान की जानें लेने के बाद रोजगार को चपेट में लेना शुरू कर दिया है। पुणे की एक छोटी आईटी कंपनी ने इसी महीने 6 लोगों से जबरन इस्तीफा ले लिया। यही नहीं इसके कुछ दिनों बाद ही ट्रैवल टेक फर्म Fareportal ने 300 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी। एचआर एक्सपर्ट्स और इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक आने वाले 3 से 6 महीनों में आईटी सेक्टर के 1.5 लाख लोगों की नौकरी पर संकट पैदा हो सकता है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह संकट छोटी आईटी कंपनियों में ज्यादा देखने को मिलेगा क्योंकि वे अपने बड़े क्लाइंट्स के ऑर्डर्स पर निर्भर हैं और यदि क्लाइंट पर मंदी का असर होता है तो वे भी सीधे तौर पर प्रभावित होंगी।

आईटी सेक्टर में भारत में करीब 50 लाख लोग कार्य़रत हैं, जिनमें से 10 से 12 लाख कर्मचारी छोटी कंपनियों से ही जुड़े हैं। आईटी सेक्टर की टॉप 5 कंपनियों में ही अकेले 10 लाख लोग कार्यरत हैं। कोरोना वायरस के संकट के चलते कंपनियों के लिए पहले की तरह अपने बिजनेस को चलाना मुश्किल साबित हो रहा है। इसके अलावा पूरी ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री संकट के दौर से गुजर रही है। मैन्युफैक्चरिंग भी थम गई है। यहां तक कि दिग्गज टेक कंपनियों ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट ने निवेशकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि आगामी तिमाही में उनके नतीजों पर कोरोना संकट का असर दिख सकता है।