लखनऊ: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी ने कहा है कि प्रदेश के किसान अवारा पशुओं द्वारा बर्बाद की जा रही फसलों से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। इतना ही नहीं फसलों की बर्बादी की वजह से आगरा के बाह में, महोबा, कौशाम्बी, इलाहाबाद, गोरखपुर, महराजगज, लखीमपुरखीरी, अमरोहा सहित विभिन्न जनपदों में पिछले एक से डेढ़ माह में दर्जनों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। साड़ों के हमले से तमाम किसानों की जान चली गयी एवं तमाम बुरी तरह घायल हो चुके हैं। विगत दिनों गोण्डा सहित विभिन्न जनपदों में सांड़ों के हमले से लोगों की जान चली गयी। सड़कों पर आये दिन अवारा पशु दुर्घटना का कारण बन रहे हैं और लोगों की अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। लेकिन प्रदेश सरकार अभी तक न तो अवारा पशुओं से किसानों की फसल बचाने के समुचित प्रबन्ध कर पायी है और न ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाया है। ऐसे में हमारे उ0प्र0 का किसान खुद को बहुत ही निराश और हताश महसूस कर रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद किसान आत्महत्या दर 45 प्रतिशत बढ़ी है और सरकारी आंकड़े के हिसाब से प्रतिदिन 35 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। देश और प्रदेश में सबसे ज्यादा किसानों की आत्महत्या 2014 के बाद हुई, जिसकी तादाद प्रथम तीन वर्ष में लगभग 12 हजार से अधिक है।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश सरकार गोवंश संरक्षण के नाम पर खानापूर्ति कर किसानों की फसलें बर्बाद कर देने पर तुली है। परेशान किसान सरकारी स्कूलों और कार्यालयों के भवनों में छुट्टा जानवरों को कैद कर धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं क्योंकि सरकार छुट्टा जानवरों से अपनी फसलों को बचाने के लिए तार के बाड़ लगाने की अनुमति नहीं दे रही है। किसान का जीवन उसकी फसल पर निर्भर होता है उसी से वह अपने परिवार का पालन-पोषण, चिकित्सा, शिक्षा हर जरूरतों की पूर्ति करता है किन्तु उसकी फसलें छुट्टा जानवरों की भेंट चढ़ रही है।

उन्होने कहा कि सरकार की तमाम घोषणाओं के बाद भी आज किसानों को कहीं से भी राहत नहीं मिल पा रही है और यह समस्या दिनों-दिन और अधिक विकराल होती जा रही है। सरकार द्वारा जो गौशालाएं निर्मित भी करायी गयी हैं वह भ्रष्टाचार की शिकार हैं। गौशालाओं में चारे और चिकित्सा के अभाव में गौवंश आये दिन अकाल मौत की शिकार हो रहे हैं।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने मांग की है कि प्रदेश सरकार छुट्टा पशुओं से पीड़ित किसानों को रखवाली भत्ता दे। तीन वर्षों में अवारा फसलों द्वारा बर्बाद की गयी फसलों का उचित मुआवजा दे। गांव-गांव में गौशालाओं का समुचित निर्माण एवं प्रबन्धन सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही प्रदेश सरकार नई किसान नीति बनाकर किसानों के लिए विशेष बजट का प्रावधान करे एवं किसान आयोग का अविलम्ब गठन किया जाए।