नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने भले ही मिलकर सरकार बना ली हो लेकिन सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर तीनों दलों में अभी तक आम राय नहीं बन पा रही है। मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे के शपथ लेने के एक दिन बाद शुक्रवार को सहयोगी दलों में उप मुख्यमंत्री पद को लेकर असहमति दिखी।

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की तरफ से उप मुख्यमंत्री पद की नई मांग की जा रही है जबकि एनसीपी ने इसे दबा दिया है। दोनों दलों के राज्यों के नेता इस मामले का हल निकालने में असफल रहे हैं। ऐसे में दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से इस मामले को देखा जा रहा है।

विधासभा अध्यक्ष पद के अलावा तीनों दल गृह मंत्रालय, वित्त और राजस्व विभाग जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों को लेकर भी आम सहमति नहीं बना पा रहे हैं। तीनों दलों के बीच असहमति की बात को स्वीकार करते हुए सूत्रों ने बताया है कि ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को फिलहाल टाल दिया गया है।

इससे पहले शवसेना नेता संजय राउत द्वारा गोवा में विपक्षी दलों के गठबंधन का विचार पेश किए जाने के कुछ घंटों बाद ही राज्य कांग्रेस ने भाजपा सरकार को गिराने के लिए किसी गठबंधन में शामिल होने से इंकार किया। गोवा कांग्रेस के अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार गिराने के लिये सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास के बजाय विपक्ष में बैठने को तरजीह देगी।

चोडनकर ने कहा कि मुझे गोवा में भाजपा सरकार को गिरता देख खुशी होगी। लेकिन ऐसी कोई संभावना नहीं है क्योंकि भाजपा को (40 सदस्यीय विधानसभा में) 30 विधायकों का समर्थन हासिल है। मैं सरकार को गिराने के बजाय विपक्ष में बैठने को प्राथमिकता दूंगा।” इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार के गठन के अगले दिन यानि शुक्रवार को राउत ने कहा कि पड़ोसी राज्य गोवा में भी भाजपा विरोधी गठबंधन बनाया जाएगा।”