वाशिंगटन: एक अमरीकी अदालत ने सबसे लंबे समय तक ट्रम्प के सलाहकार रहे रोजर स्टोन को संसद की इंटेलीजेंस कमेटी के सामने झूठ बोलने, जांच में बाधा डालने और सुबूतों से छेड़छाड़ के मामले में दोषी ठहराया है। स्टोन को अगले साल छह फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। उन्हें कई साल कैद की सजा हो सकती है।

संचार माध्यमों के अनुसार सात महिला और तीन पुरुष जजों की पीठ ने अमेरिका के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच करने वाले विशेष अभियोजक रॉबर्ट मुलर की जांच बाद लंबित मामले में यह फैसला दिया है। यह फैसला सिर्फ 67 वर्षीय स्टोन के लिए ही झटका नहीं है बल्कि इसने एक प्रत्याशी के रूप में ट्रम्प की भूमिका को भी दोबारा जांच के दायरे में ला दिया है। ट्रम्प ने इस फैसले की निंदा की है। फ‍िलहाल, स्‍टोन सात आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनमें उन्‍हें 50 साल तक की क़ैद हो सकती है।

उल्‍लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप से जुड़े मामलों की जांच से जुड़े इस मामले में स्टोन को इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक़ ट्रम्प के चुनाव प्रचार सहयोगी रहे स्टोन को साल 2016 की गर्मियों में ही पता चल गया था कि ट्रम्प के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ रही हिलेरी क्लिंटन के प्रचार अभियान से ई-मेल चुराए गए थे। केवल यही नहीं बल्कि स्टोन पर अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन, प्रतिनिधि सभा की खुफिया समिति के सामने कथित ग़लतबयानी के आरोप भी थे। न्यायालय के इस इस फैसले से पद के दुरुपयोग के मामले में महाभियोग की जांच का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को बड़ा झटका लगा है।