मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच अभी भी खींचतान जारी है। इस बीच राज्य में रिजॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में पार्टी विधायकों की बैठक हुई। इसके बाद सभी विधायकों को बांद्रा के एक होटल में भेज दिया गया। एक घंटे तक चली इस बैठक में शिवसेना विधायक सत्ता भागीदारी के 50-50 फॉर्मूला पर अड़े रहे।

शिवसेना सांसद सुनील प्रभु ने कहा कि इन हालात में सभी विधायकों का एकसाथ रहना जरूरी है। जो भी फैसला उद्धवजी लेंगे, वह हम सभी को मंजूर होगा। एक अन्य विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा कि अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। इससे पहले भाजपा नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी।

शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना की बैठक की जानकारी देते हुए बताया, ‘पार्टी की कोई भूमिका बदली नहीं है। सभी विधायकों ने एक स्वर में उद्धव ठाकरे के निर्णय को अंतिम निर्णय कहा। महाराष्ट्र के लोग चाह रहे हैं कि राज्य में सरकार जल्द बने। अगर भाजपा कहती है कि महायुति की सरकार होगी तो वह सरकार बनाने का दावा क्यों नहीं करते? वे क्यों राज्यपाल के पास से खाली हाथ लौटे हैं। सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद अगर भाजपा सरकार नहीं बना रही, इससे स्पष्ट है कि वह बहुमत नहीं जुटा पा रही है। अगर बहुमत नहीं है तो जनता के सामने आकर बताइए कि हम सरकार नहीं बना रहे। संविधान का हर पेज हमें मालूम है। संविधान किसी की जागीर नहीं है।’

मुंबई: भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार द्वारा देवेंद्र फडणवीस शिवसैनिक की तरह बताए जाने पर राऊत ने कहा कि अगर वह खुद को शिवसैनिक कहते हैं तो शिवसैनिक जैसा व्यवहार भी करना चाहिए। शिवसैनिक जो कहता है वह मरते दम तक निभाता है। शिवसेना का मुख्यमंत्री कैसे बनेगा, इस सवाल पर राउत ने कहा कि यह आपको विधानसभा में देखने को मिलेगा।

56 सीटें जीतने वाली शिवसेना को अब टूट का डर सता रहा है। पार्टी के मुखपत्र सामना में शिवसेना ने कहा- कुछ लोग नए विधायकों से संपर्क कर थैली की भाषा बोल रहे हैं। पर किसानों के हाथ कोई दमड़ी भी रखने को तैयार नहीं है। राज्य में मूल्य विहीन राजनीति हम नहीं चलने देंगे। इसके लिए शिवसैनिक तलवार लेकर खड़े हैं। राउत ने कहा- भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अगर वह सरकार बनाती है तो हम देखेंगे कि आगे क्या करना है।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बीजेपी-शिवसेना राज्य में सरकार बनाएं। हमें जनता ने विपक्ष के लिए चुना है, हम विपक्ष में ही बैठेंगे। मेरे पास अभी कहने के लिए कुछ नहीं है। भाजपा-शिवसेना को लोगों का जनादेश मिला है, इसलिए उन्हें जल्द से जल्द सरकार बनानी चाहिए। हमारा जनादेश विपक्ष की भूमिका निभाना है। पवार ने कहा- अब केवल एक ही विकल्प है कि भाजपा और शिवसेना को मिलकर सरकार बनाना चाहिए।

9 नवंबर को देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल समाप्त हो रहा है। यदि अगले दो दिनों में कोई भी पार्टी या गठबंधन सरकार नहीं बनाती है तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। 24 अक्टूबर को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से राज्य में सरकार बनाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।