काठमांडू: भारत द्वारा कालापानी को नए मानचित्र में भारतीय हिस्सा बताने से नेपाल खफा है और उसने अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई है। पिछले दिनों अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश दर्शाते हुए भारत ने नया नक्शा जारी किया था। इस नक्शे में कालापानी को भारतीय हिस्सा बताया गया। ऐसे में नेपाल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हम पूरी तरह से यह साफ करना चाहते हैं कि कालापानी नेपाल का अभिन्न अंग है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसके लिए मित्र देशों के साथ कूटनीतिक बातचीत का रास्ता अपनाएगा। गौरतलब है कि कालापानी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के पास स्थित है। कालापीन को नेपाल अपने मानचित्र में दारचूला के हिस्से के रूप में दिखाता है।

शनिवार को भारत ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के गठन के बाद नया मानचित्र जारी किया था। जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को नवगठित जम्मू-कश्मीर का हिस्सा दिखाया गया और गिलगिट-बाल्टिस्तान को लद्दाख का हिस्सा दिखाया गया। भारत द्वारा नक्शे में सीमा के रेखांकन को लेकल पाकिस्तान ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी। उसने कहा कि वह भारत के इस नक्शे को खरिज करता है।

कालापानी को लेकर उठे विवाद पर नेपाल के विदेश मंत्री ने बाकायदा प्रेस-कॉन्फ्रेंस करके अपनी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा, “नेपाल की सरकार प्रतिबद्धता के साथ मानती है कि कालापानी उसका अभिन्न हिस्सा है।” आगे उन्होंने कहा, “नेपाल सरकार देश की सीमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और हम मानते हैं कि पड़ोसी देशों के साथ सीमा-विवाद को कूटनीतिक माध्यमों के जरिए ऐतिहासिक, तथ्यों एवं सबूतों के बिनाह पर निपटारा किया जाए।