नई दिल्ली: सरकार के इस फैसले को विपक्ष के मजबूत विरोध का नतीजा बताते हुए कांग्रेस ने ट्वीट किया। जिसमें लिखा, कांग्रेस द्वारा एक मजबूत विरोध के परिणाम स्वरूप बीजेपी सरकार ने आरसीईपी समझौते पर अपना निर्णय वापस लिया। यह उन लाखों किसानों, डेयरी उत्पादकों, मछुआरों और छोटे और मध्यम व्यवसायों की जीत है।

आरसीईपी का हिस्सा नहीं बनने के सरकार के फैसले के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कहा कि किसानों के भारी विरोध के चलते सरकार पीछे हटने को विवश हुई। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा सरकार पूरे गाजे बाजे के साथ रासेप समझौते (किसान सत्यानाश समझौता) के जरिए भारत के किसानों के हित कुचलकर भारत के राष्ट्रीय हित को विदेशी देशों के हवाले करने जा रही थी’। उन्होंने कहा, ‘देश के किसानों ने पूरी एकता के साथ इसका विरोध किया और स्पष्ट संदेश दिया कि उनकी मेहनत को विदेशी कंपनियों के फायदे की भेंट नहीं चढ़ने देंगे’।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भाजपा सरकार को आज आरसीईपी समझौते पर अपना निर्णय रोकना पड़ा है। किसान बहनों-भाईयों को बधाई। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का शुक्रिया जिन्होंने इस मुद्दे पर किसानों का व्यापक साथ दिया’।

बीजेपी ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और संकल्प का संकेत बताया। सरकार के सूत्रों ने कहा कि भारत ने सोमवार को आरसीईपी सौदे में शामिल नहीं होने का फैसला किया क्योंकि यह भारत के मुद्दों और चिंताओं से मेल नहीं खाता है।

केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि निर्णय से भारत के किसानों, एमसीएमई (MCME) क्षेत्र, डेयरी और विनिर्माण क्षेत्रों को समर्थन मिलेगा। ‘आरसीईपी पर साइन नहीं करने का भारत का निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व और सभी परिस्थितियों में राष्ट्रीय हित सुनिश्चित करने के संकल्प का एक परिणाम है’।