मुंबई: महाराष्ट्र में नई सरकार गठन को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी तनातनी के बीच पहली बार बीजेपी के शिवसेना की मांग पर विचार करने के संकेत मिले हैं। माना जा रहा है कि सरकार गठन में आ रही बाधा को दूर करने के लिए बीजेपी शिवसेना की मंत्री पदों के बराबर बंटवारे की मांग पर विचार करने को सहमत हो गई है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र चुनाव नतीजे आने के करीब 10 दिन बाद भी नई सरकार गठन को लेकर कोई फैसला न हो पाने से बीजेपी और खासतौर पर देवेंद्र फड़नवीस दबाव में हैं।

हालांकि अब तक इन दोनों के बीच आधिकारिक बातचीत शुरू नहीं हो पाई है लेकिन शुक्रवार को रिश्ते में जमी बर्फ तब पिछलते दिखी, जब फड़नवीस ने बीजेपी के नए ऑफर के साथ अपना दूत शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास भेजा।

इसके जवाब में शिवसेना ने भी ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी मांग पर नरमी का संकेत देते हुए चीजों को आगे ले जाने के लिए फड़नवीस और उद्धव के बीच बातचीत की इच्छा जताई। माना जा रहा है कि इन दोनों नेताओं के बीच अगले एक-दो दिनों में हो सकती है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस नए ऑफर के तहत, बीजेपी शिवसेना के मंत्री स्तरीय विभागों के समान विभाजन की मांग पर विचार करने को तैयार है। इसके बदले में शिवसेना रोटेशनल मुख्यमंत्री की मांग छोड़ सकती है। लेकिन इसके बदले में उसने नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार में दो मंत्री पदों (एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री) पद की मांग रखी है, साथ ही दो राज्यों में पार्टी के दिग्गज नेताओं के लिए गवर्नर पदों की भी मांग की है। महाराष्ट्र में भी शिवसेना ने राज्य द्वारा संचालित निगमों के नियंत्रण में भी 50: 50 शेयर की मांग की है।

24 अक्टूबर को आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी का आंकड़ा 2014 से नीचे जाने के साथ ही उद्धव ठाकरे ने सत्ता में बराबर की भागीदारी की मांग रखी और बीजेपी को लोकसभा चुनाव पूर्व अमित शाह और फड़नवीस की मौजूदगी में हुए 50: 50 फॉर्मूले की याद दिलाई। फड़नवीस के सार्वजनिक तौर पर ये कहने से कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था, दोनों पार्टियों के बीच बातचीत शुरू ही नहीं हो सकी। इसके बाद दोनों नेताओं के आक्रामक बयानों ने स्थिति सुधारने के बजाय और बिगाड़ी।