नई दिल्ली: कर्नाटक के कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रवैये पर दिल्ली हाइकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। गुरुवार को हाइकोर्ट में शिवकुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। लेकिन ईडी के वकील समय पर पहुंचे ही नहीं। इस पर जस्टिस सुरेश कैत ने कहा कि जांच एजेंसी कोर्ट के साथ इस तरह लुका-छिपी का खेल नहीं खेल सकती है। उनके नाराजगी जताने के कुछ मिनट बाद अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज पहुंचे और माफी मांगी, तब सुनवाई शुरू हुई।

सुनवाई शुरू हुई तो ईडी की तरफ से मौजूद जूनियर वकील ने आधे घंटे का समय मांगा। उन्होंने कहा कि के.एम. नटराज राउज एवेन्यू जिला अदालत में व्यस्त हैं। इस पर जस्टिस कैत नाराज हो गए। उन्होंने कहा, “आप कोर्ट के साथ इस तरह लुका-छिपी का खेल नहीं खेल सकते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट से इंतजार करने के लिए नहीं कह सकते।” जस्टिस कैत ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए ईडी से 19 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे तक लिखित रूप से अपना पक्ष रखने का निर्देश दे दिया। लेकिन इसके कुछ मिनट बाद ही अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आए और माफी मांगी। इसके बाद जस्टिस कैत उसी समय सुनवाई के लिए राजी हो गए।

मनीलॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार शिवकुमार की न्यायिक हिरासत की अवधि दिल्ली की विशेष अदालत के जज अजय कुमार कुहाड़ ने मंगलवार को 25 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी। हिरासत अवधि खत्म होने पर ईडी ने उन्हें कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने 25 सितंबर को शिवकुमार को जमानत देने से मना कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारण वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। इसी के खिलाफ शिवकुमार ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है। सात बार के विधायक शिवकुमार को ईडी ने 3 सितंबर को गिरफ्तार किया था। वह 14 दिनों तक ईडी की हिरासत में थे। इसके बाद 17 तारीख को उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया था।