दो दिनों में तीन खाताधारकों की हुई मौत

नई दिल्ली: पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक घोटाले के मद्देनजर खाताधारकों की दिक्कतें जारी है। इस बीच बीते दो दिनों में तीन खाता धारकों की मौत हो गई है। फत्तोमल पंजाबी और संजय गुलाटी की हार्ट अटैक से मौत के बाद अब अब मुंबई के वरसोवा इलाके में रहने वाली पीएमसी खाताधारक 39 वर्षीय एक डॉक्टर की आत्महत्या का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक डॉक्टर निवेदिता बिजलानी (39) ने बीती रात नींद की गोलियों की ओवरडोज के जरिए खुदकुशी कर ली। हालांकि पुलिस को नहीं लगता कि इस आत्महत्या का संबंध पीएमसी बैंक के संकट और हजारों जमाकर्ताओं पर आई वित्तीय परेशानी से है।

एक अधिकारी ने बताया कि वरसोवा के मॉडल टाउन इलाके में अपने पिता के साथ रह रही डॉक्टर निवेदिता बिजलानी (39) ने सोमवार रात को नींद की अधिक गोलियां खा लीं। उन्होंने कहा, ‘आत्महत्या का कारण का पता लगाया जाना अभी बाकी है। उनका पीएमसी बैंक में खाता तो था, लेकिन हमें नहीं लगता कि इसका (मौत का) संबंध बैंक के संकट से है।’

उन्होंने कहा कि बिजलानी पिछले कुछ वर्षों से अवसादग्रस्त थीं और उन्होंने पिछले साल मार्च में अमेरिका में खुदकुशी करने की कथित तौर पर कोशिश की थी। अधिकारी के अनुसार वह अमेरिका में प्रैक्टिस कर रही थीं। पहली शादी से उनकी 17 साल की बेटी है, जबकि एक अमेरिकी नागरिक से दूसरी शादी से उनका डेढ़ साल का बेटा है। अधिकारी के मुताबिक, वरसोवा थाने में दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया गया है।

वहीं इससे पहले ओशिवारा निवासी संजय गुलाटी ने सोमवार को 80 साल के पिता सीएल गुलाटी के साथ कोर्ट के बाहर हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। उनके पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक में 90 लाख रुपये जमा थे। सीएल गुलाटी ने बताया कि, भारी तनाव में चल रहे संजय को सोमवार रात दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई। गुलाटी जेट एयरवेज के कर्मचारी थे, मगर अप्रैल में उनकी नौकरी चली गई थी। वह बैंक में जमा धन से पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रहे थे। तभी पीएमसी बैंक घोटाले के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का ग्राहकों के खातों के लेनदेन पर रोक का फरमान आ गया। इससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई।

फत्तोमल मंगलवार दोपहर 12.30 बजे बैंक जाने के लिए घर से निकले थे। हार्ट अटैक आने पर जब तक उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, तबतक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। वह भी कुछ दिनों से बैंक के विरुद्ध हो रहे प्रदर्शनों में भी जा रहे थे। पंजाबी के परिवार ने आरोप लगाया कि वह पीएमसी बैंक में संकट के बाद तनाव में था।

पीएमसी बैंक यह पूरा मामला कथित 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले का है। बैंक फिलहाल, आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक के तहत काम कर रहा है। बैंक के पूर्व प्रबंधकों की पुलिस की आर्थिक अपराध (ईओडब्ल्यू) शाखा जांच कर रही है।

गौरतलब है कि बैंक के कुछ अधिकारियों पर फर्जी तरीके से कर्ज बांटने के लिए निजी कंपनी एचडीआईएल के साथ साठगांठ करने का आरोप है। अब हजारों खाताधारक अपने पैसे निकाल पाने में असमर्थ हैं।

पीएमसी बैंक की 137 शाखाएं हैं और यह देश के टॉप-10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक है। आरोप के मुताबिक पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी दी है। जिसके बाद आरबीआई ने बैंक पर कई तरह की पाबंदी लगा दी। अनियमितता के आरोप के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पीएमसी) के नियमित कारोबारी ट्रांजेक्शन सहित अधिकांश कारोबार पर पाबंदियां लगा दी है। यह पाबंदी छह महीने तक के लिए लगाई गई है।

आरबीआइ ने रकम निकासी की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दी है। इससे पहले आरबीआइ ने 3 अक्‍टूबर को खाताधारकों को अपने खाते से कुल जमा राशि में से 25,000 रुपये निकालने की मंजूरी दी थी। यह कदम खाताधारकों के विरोध प्रदर्शन के बाद उठाया गया था। सबसे पहले आरबीआई ने निकासी की सीमा केवल 1000 रुपये तय की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया था।