नई दिल्ली: पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अफगान तालिबान ने अपने 11 सदस्यों के बदले तीन भारतीय बंधकों को रिहा कर दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह अदला-बदली किसी अनजान जगह पर की गई। रविवार (6 अक्टूबर) की शाम को इस काम के अंजाम की बात सामने आ रही है। इसे अफगान तालिबान और अमेरिकी प्रतिनिधि की इस्लामाबाद में हुई बैठक के असर के तौर पर देखा जा रहा है।

रिहा किए गए तालिबानियों में शेख अब्दुर रहीम और मौलवी अब्दुर राशिद भी शामिल हैं। ये दोनों तालिबानी नेता 2001 से पहले तालिबानी सरकार में कुनार और निमरोज प्रांत के गवर्नर भी रह चुके हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अफगान तालिबान ने तीन भारतीय इंजीनियरों को रिहा करने की पुष्टि की है। इन्हें 2018 से बंधक बनाया गया था।

अफगानिस्तान में 18 साल से चल रही जंग को खत्म करने के लिए शांति समझौते को ‘खत्म’ बताने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के करीब एक महीने बाद यह बैठक हुई है। अधिकारी ने खलीलजाद और मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में तालिबान प्रतिनिधिमंडल के बीच शुक्रवार को हुई बैठक का पूरा ब्यौरा नहीं दिया।

मुल्ला अब्दुल गनी बरादर उस अभियान के सह-संस्थापक है, जिसे 2001 में अमेरिका नेतृत्व वाले गठबंधन ने बाहर किया था। बहरहाल, अमेरिकी अधिकारियों ने अब तक यही कहा है कि शांति वार्ता बहाल नहीं हुई है और इस्लामाबाद में तो कोई बातचीत नहीं हुई । इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 18 साल के युद्ध के बाद अमेरिकाअफगानिस्तान से निकलना चाहता है।

खलीलजाद की इस्लामाबाद की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिन पहले अमेरिका की यात्रा की थी और इस दौरान उन्होंने ट्रम्प से मुलाकात कर अफगानिस्तान में शांति की दिशा में बातचीत बहाल करने समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी।

खलीलजाद ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सत्र में शामिल होने आये प्रधानमंत्री खान से भी मुलाकात की थी। वहां दोनों ने तालिबान के साथ बातचीत फिर से शुरू करने को लेकर अपने विचार साझा किये थे।