फरीदाबाद: भारतीय समन्वय संगठन (लक्ष्य) की फरीदाबाद टीम ने हाल ही में मध्य प्रदेश के जिला शिवपुरी में दबंगो द्वारा दो मासूम बाल्मीकि बच्चों की पीट-पीट कर निर्मम हत्या के विरोध में एक आक्रोश प्रदर्शन हरियाणा के फरीदाबाद में किया | जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और इस अमानवीय घटना के खिलाफ जोरदार नारे लगाए, लोगों का आक्रोश उनके नारो में साफ दिखाई दे रहा था |

दलित बच्चों की निर्मम हत्या जातीय व्यवस्था का ही परिणाम है | जिसमें हजारों वर्षों से जातीय व्यवस्था बहुजन समाज का पीछा नहीं छोड़ रही है, इस जातीय व्यवस्था में एक जाति के लोग दूसरी जाति के लोगों की सवारी कर रहे हैं और जिस जाति के लोग सवारी करते हैं वे लोग उनके साथ दबंगई, भेदभाव, अत्याचार, उत्पीड़न व् अमानवीय व्यहवार भी करते हैं | यह एक सड़ी-गली, बदबूदार व्यवस्था है या यूँ कहें कि यह कुछ दूषित मानसिकता वाले लोगों की सोची समझी चाल है जो इस व्यवस्था का फायदा ले रहे हैं और इसको बनाये रखना चाहते हैं | यह बात लक्ष्य कमांडरों ने आक्रोश प्रदर्शन में कही |

लक्ष्य कमांडरों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि वो दलितों पर हो रहे अत्याचारों पर अपनी आंखे खोले और ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लें और ऐसे दूषित मानसिकता वाले लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करें ताकि ऐसी अमानवीय घटनाओं पर लगाम लग सके |

लक्ष्य कमांडरो ने समाज के बुद्धिजीवियों व् मीडिया से अपील करते हुए कहा कि वो इस अमानवीय जातीय व्यवस्था पर देशभर में बहस करें ताकि इस बीमारी से देश को मुक्ति मिल सके और यह देश वास्तव में बुद्ध का देश कहलाये जहाँ युद्ध नहीं बुद्ध ही बुद्ध हों अर्थात देश में समानता, भाईचारा व् बंधुता हो और सभी लोग आपस में मजबूत भाईचारे के साथ रह सकें और हमारा देश विश्व में भाईचारे का सन्देश दे सके | उन्होंने नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत बुद्ध का देश है यह कहने से नहीं, व्यवहार से ही संभव हो पायेगा |

इस आक्रोश प्रदर्शन में लक्ष्य कमांडर कविता जाटव, दयावती कर्दम, अरुना कर्दम, मंजू गौतम, रेखा गौतम, सविता प्रेमी, नजमा, कमलेश गौतम, सावित्री, जयपाल सिंह, पूरन चंद, बृजलाल, नेत्रपाल, बिट्टू, धर्मेंद्र, नीरज नारहवाल, मनीष गौतम, महेंद्र कर्दम, देव चंद, डॉ दयाचंद प्रेमी, निर्मल सिंह, तेज सिंह व् आजाद सिंह चंडालिया ने हिस्सा लिया |