लखनऊ: भाजपा नेता और पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद रंगदारी के मामले में गिरफ्तार की गई लॉ की छात्रा को 'इंसाफ' दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस सोमवार को शाहजहांपुर से लखनऊ तक 'न्याय यात्रा' शुरू करने वाली थी, लेकिन प्रशासन की ओर से इसे मंजूरी नहीं मिली। जिसके बाद कांग्रेस के 80 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही, पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद सहित कई कांग्रेसी नेताओं को उनके घर में ही नजरबंद किया गया है।

न्याय यात्रा निकालने पर अड़े कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में नुरा कुश्ती चल रही है। शाहजहांपुर की लॉ छात्रा को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस ने जिला प्रशासन से न्याय यात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है।

भाजपा के पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर उनके ही कॉलेज की लॉ छात्रा ने रेप का आरोप लगाया है। इसी मामले में उन्हें कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है, लेकिन वह फिलहाल लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती हैं। स्वामी की ओर से भी पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का मामला दर्ज कराया गया है, जिसमें छात्रा और उसके तीन दोस्त जेल में बंद हैं। इसी मामले में सीजेएम कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद पीड़िता और चिन्मयानंद की ओर से जमानत के लिए जिला जज की कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है, जिस पर आज सुनवाई भी होनी है। बहस के लिए दोनों तरफ से शाहजहांपुर में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता पहुंच गए हैं।

पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस ने शाहजहांपुर से लखनऊ तक सोमवार को न्याय यात्रा निकालने का ऐलान किया था। न्याय यात्रा अनुमति नहीं मिलने के कारण कांग्रेस नेताओं ने विरोध किया तो पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। इसमें कांग्रेस विधायक दल नेता अजय कुमार लल्लू, रोहित चौधरी सचिव अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन शाहजहांपुर ले जाया गया है। पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद को उनके घर में नजरबंद किया गया है। पुलिस प्रशासन की ओर से जिले में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्वांचल प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार कांग्रेस के मजबूत इरादों को नहीं रोक सकती। हम लड़ेंगे, शाहजहांपुर की बेटी को न्याय दिला कर रहेंगे। परिणाम चाहे जो हो, एक बार नहीं, एक हजार बार जेल जाना पड़े, तो भी हम शाहजहांपुर की बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे।