न्यूयोर्क: न्यूयॉर्क में चल रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा(यूएनजीए) के 74वें सत्र के दौरान चीन ने भी कश्मीर मुद्दे पर अपनी राय रखी है। पाकिस्तान का अच्छा दोस्त माने जाने वाले चीन ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखी है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ‘कश्मीर मुद्दा अतीत का विवाद है और इसका संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांतिपूर्वक हल होना चाहिए।’

वांग यी ने कहा, ‘ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया जाना चाहिए, जिससे यथास्थिति में कोई बदलाव हो’। यी ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान दोनों का पड़ोसी होने के नाते, चीन यह देखने की उम्मीद करता है कि दोनों पक्षों के बीच विवाद का निपटारा सही तरीके से हो और संबंधों में स्थिरता बहाल हो’।

चीन के इस रुख से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है क्योंकि पाकिस्तान को उम्मीद थी कि संयुक्त राष्ट्र जैसे मंच पर भी चीन ने उसका समर्थन नहीं किया है।

इससे पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का यूएनजीए भाषण भी कश्मीर मुद्दे पर ही केंद्रित रहा। उन्होंने वहीं सब बातें दोहराईं, जो वह बीते कुछ सप्ताह से अपनी तकरीरों में करते आ रहे थे। अपने देश और इसकी समस्या को नजरअंदाज करते हुए, इमरान खान ने अपना ध्यान पूरी तरह से कश्मीर पर दिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘भारत के जम्मू एवं कश्मीर में जब कर्फ्यू हटेगा, तब वहां खूनखराबा होगा. तब क्या होगा? क्या किसी ने इस बारे में सोचा है’?

यूएनजीए में इमरान खान ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘तब एक और पुलवामा होगा और तब भारत पाकिस्तान पर आरोप लगाएगा। लगातार इस्लाम और मोहम्मद पैगंबर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘मोहम्मद पैगंबर हमारे दिलों में बसते हैं और दिल का दर्द शरीर के दर्द से ज्यादा बड़ा है’।