न्यूयोर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद किसी एक देश के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया और मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। अब समय आ गया है कि दुनिया आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो। आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया उन संदेशों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यूएन का गठन हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा कि यूएन पीसकीपिंग मिशन्स में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो भारत है और इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का शांति, विकास, सत्य और अहिंसा का संदेश आज भी बहुत प्रासंगिक है।

उन्होंने कहा कि विश्व का स्वरूप बदल रहा है। 21वीं सदी की आधुनिक टेक्नोलॉजी, सामाजिक, निजी और हर क्षेत्र में परिवर्तन ला रही है। ऐसे में एक बिखरी हुई दुनिया ठीक नहीं है। हमारे देश की संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है।

पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की इमारत की दीवार पर आज मैंने पढ़ा, ‘नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक।’ मुझे सभा को ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, उस वक्त हम पूरे भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट देकर, मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश दिया।'

उन्होंने कहा कि स्वच्छता का जनादेश भारत में शुरू हुआ, जो व्यापक स्तर पर रहा और प्रेरक रहा। पांच साल में 11 करोड़ शौचालय बनाए गए। गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का निर्माण करने जा रहे हैं। अगले 5 वर्षों में 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने जा रहे हैं। साथ ही सवा लाख किमी से ज्यादा सड़कें बनाने जा रहे हैं।