मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तावित उ0प्र0 डाटा सेण्टर पाॅलिसी-2019 का प्रस्तुतिकरण

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज यहां लोक भवन में सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग द्वारा प्रस्तावित उत्तर प्रदेश डाटा सेण्टर पाॅलिसी-2019 का प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए इण्टरनेट के उपयोग से अब डिजिटल क्रान्ति आ रही है। डाटा स्टोरेज भविष्य की अत्यन्त आवश्यक गतिविधि होगी। ऐसे में राज्यों में डाटा सेण्टरों की स्थापना आवश्यक होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित पाॅलिसी के निर्धारण के सम्बन्ध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की जाए, जिसमें अपर मुख्य सचिव सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स, अपर मुख्य सचिव वित्त तथा प्रमुख सचिव ऊर्जा भी शामिल हों। इस बैठक में पाॅलिसी के विभिन्न पक्षों के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श किया जाए। उसके बाद इसे पब्लिक डोमेन में डालकर जनता की भी राय ली जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक संवेदनशील विषय है, अतः भारत सरकार से विचार-विमर्श करते हुए उनसे भी मार्गदर्शन लिया जाए। इस पाॅलिसी के निर्धारण में सभी स्टेक होल्डर्स के हितों का ध्यान रखा जाए। स्टोर्ड डाटा की सुरक्षा पर गम्भीरता से विचार किया जाए, ताकि डाटा हर हाल में सुरक्षित रहे।

मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तावित डाटा सेण्टर पाॅलिसी का प्रस्तुतिकरण करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा ने बताया कि इण्टरनेट तथा आई0टी0 के उपयोग से भविष्य में डाटा यूज़ बढ़ता जाएगा। इसके लिए राज्य में डाटा सेण्टर्स स्थापित करने होंगे। उन्होंने कहा कि इनकी स्थापना से काफी बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होने की सम्भावना है।

प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री को डाटा सेण्टर, डाटा सेण्टर के प्रमुख निर्माणकर्ता/उपयोगकर्ता के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्हें अवगत कराया गया कि डाटा का उपयोग मोबाइल इण्टरनेट उपयोगकर्ता और कम्प्यूटर इण्टरनेट उपयोगकर्ता फेसबुक, डिजिटल ट्रान्जैक्शन्स, जी-मेल, शासकीय, यू-ट्यूब, व्हाॅट्स एप के लिए करते हैं। भारत एवं उत्तर प्रदेश में इण्टरनेट के उपयोगकर्ता, डाटा उत्पादनकर्ता के सम्बन्ध में उन्हें अवगत कराया गया कि उपयोगकर्ता डाटा का यूज़ सोशल मीडिया/ई-मेल फेसबुक, ट्विटर, व्हाॅट्स एप, इन्स्टाग्राम, यू-ट्यूब, जी-मेल/याहू/हाॅट मेल आदि के लिए करते हंै। भारत में 30 करोड़ लोग इनके उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 03 से 04 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश से हैं। भारत सरकार द्वारा संचालित यू0आई0डी0ए0आई0 के माध्यम से 123 करोड़ लोगों को आधार जैसी भारतीय विशिष्ट पहचान सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इनमें से 20 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश से हैं। आॅनलाइन ट्रान्जैक्शन्स के उपयोगकर्ताओं की भी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

मुख्यमंत्री को डाटा वर्गीकरण, वर्ष 2013-2018 में डिजिटल ग्राह्यता एवं डाटा में वृद्धि, 01 ट्रिलियन डाॅलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्य, डाटा सेण्टर पाॅलिसी की आवश्यकता के विषय में भी जानकारी दी गई। इस पाॅलिसी के विज़न, मिशन और लक्ष्य से भी उन्हें अवगत कराया गया। पाॅलिसी के तहत डाटा सेण्टर पार्क स्थापित करने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे प्रोत्साहन की भी उन्हें जानकारी दी गई। पाॅलिसी के तहत डाटा की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों के सम्बन्ध में भी उन्हें अवगत कराया गया।

बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव खनन हिमांशु कुमार, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास राजेश कुमार सिंह, सचिव मुख्यमंत्री मृत्युन्जय कुमार नारायण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।