नई दिल्ली : राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में उभर नेतृत्व संकट पर पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉक्टर कर्ण सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में तत्काल कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की है। कर्ण सिंह ने सोमवार को कहा कि अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद पार्टी जिस भ्रम और दिशाहीनता के दौर से गुजर रही है उसे देखकर वह व्यथित हैं। वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी ने राहुल के साहसिक फैसले का सम्मान करने के बजाय एक महीने का समय उन्हें दोबारा अध्यक्ष पद के लिए मनाने में गंवा दिया।

सिंह ने कहा, 'राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस पार्टी जिस भ्रम की स्थिति एवं दिशाहीनता के दौर से गुजर रही है, उसे देखकर मैं काफी व्यथित हूं। राहुल ने गत 25 मई को इस्तीफा दिया लेकिन उनके इस साहसिक फैसले का सम्मान करने की बजाय पार्टी ने उन्हें मनाने में अपना एक महीने का समय व्यर्थ में गंवा दिया। दोबारा अध्यक्ष पद पर वापस आने के लिए राहुल गांधी पर दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए था। राहुल को इस्तीफा दिए छह सप्ताह का वक्त बीत चुका है लेकिन पार्टी ने अभी तक कोई विकल्प पेश नहीं किया है।

अपने पत्र में सिंह ने आगे कहा, 'मैं कार्यकारी समिति से दृढ़तापूर्वक निवेदन करता हूं कि वह तत्काल अपनी बैठक बुलाए। मैं समझता हूं कि यह बैठक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में हो सकती है। सीडब्ल्यूसी को इस बारे में जरूरी निर्णय करना चाहिए। बैठक में अगले पार्टी अध्यक्ष के चुनाव तक एक अंतरिम अध्यक्ष एवं चार क्षेत्रों उत्तर, दक्षिण, पूर्व एवं पश्चिम के लिए चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।'

बता दें कि राहुल गांधी ने गत तीन जून को आधिकारिक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। राहुल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दिया। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि भविष्य में पार्टी की बेहतरी के लिए कड़े फैसले लेने होंगे। राहुल ने यह भी साफ किया कि अगर वह इस्तीफा न देकर दूसरों को त्यागपत्र के लिए कहते तो यह न्यायसंगत नहीं होता। उन्होंने कहा कि वह आगे कांग्रेस सदस्य के रूप में काम करते रहेंगे और पार्टी को नया अध्यक्ष चुनने में उसका सहयोग करेंगे।