लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेशवासियों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। उन्होंने बिना भेदभाव गांव-गरीब और समाज के अन्तिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश की 23 करोड़ जनसंख्या को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को प्रतिबद्ध होकर कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन के आॅडिटोरियम में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं उनसे उच्चस्तर के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार द्वारा की गयी पहल को लागू करने का उत्तरदायित्व चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का है। अच्छा स्वास्थ्य एवं सबके लिए स्वास्थ्य की अवधारणा को साकार करने में विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। एक नई उमंग और नए उत्साह के साथ इस अवधारणा को हम सफलतापूर्वक साकार कर सकें, इस उद्देश्य के साथ आप सभी अधिकारियों को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि इस आयोजन में लिए गए निर्णयों को पूरी निष्ठा के साथ क्रियान्वित करें।

प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक स्तर के चिकित्सालय में डाॅक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को टीम भावना के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाए। मरीजों के लिए दवाओं की उपलब्धता का भी नियमित तौर पर सत्यापन किया जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उनसे उच्चस्तर के अधिकारियों को चिकित्सालयों व स्वास्थ्य केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की शुरूआत स्वच्छता से होती है। इसलिए चिकित्सक होने के कारण विभाग के प्रत्येक स्तर के अधिकारी को लोगों को स्वच्छता की ओर आकृष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपसी संवाद को बढ़ावा देकर जन विश्वास अर्जित किया जा सकता है। इसलिए डाॅक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ का व्यवहार मरीजों तथा उनके परिजनों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण के दौरान अस्पतालों में मरीजों तथा उनके तीमारदारों के साथ संवाद स्थापित कर सेवाओं की स्थिति का सीधा फीडबैक प्राप्त करें।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपने सम्बोधन में पिछले दो साल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए किये गये प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने चिकित्सकों से अपेक्षा की कि वे सेवाभाव के साथ लोगों की मदद करें और अपने व्यवहार से महसूस कराएं कि वे आमजन के साथ खड़े हैं। धन्यवाद ज्ञापन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह द्वारा किया गया। मातृ एवं शिशु कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को तुलसी का एक पौधा भेंट किया।

बैठक के दौरान गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जनपद में जे0ई0/ए0ई0एस0 को नियंत्रित करने के प्रयासों में मिली सफलता पर आधारित एक प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाराणसी द्वारा आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में, यू0पी0 मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन की परियोजना निदेशक द्वारा दवाओं की आपूर्ति तथा वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय, लखनऊ की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक द्वारा चिकित्सा सेवाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिये गये।