नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में बड़ी हार के बाद कांग्रेस पार्टी ने तमाम आलोचनाओं के बीच फिर खुद को सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी घोषित करते हुए पूरी शिद्दत से विपक्ष की भूमिका अदा करने के लिए तैयार बताया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट करते हुए कांग्रेस को सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी करार दिया और कहा कि कांग्रेस अपनी भूमिका पूरी दमदारी के साथ निभाने के लिए तैयार है.

राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर अपने विपक्षी इरादों का ऐलान कर दिया है, जिसमें उन्होंने एक घायल शेर की तरह दहाड़ने की कोशिश की है. उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया : 'भले ही, लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के पास सिर्फ 52 सांसद हों, लेकिन हम साहसी शेरों की तरह फख्र के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि संविधान और तमाम संस्थाओं की हिफाज़त की जा सके क्योंकि विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते ये हमारा कर्तव्य भी है. संसद में भाजपा वॉकओवर मिलने की कोई उम्मीद न पाले.'

अस्ल में, राहुल गांधी ने ये ट्वीट पार्टी के सांसदों के साथ बैठक के बाद किया. राहुल ने सांसदों से कहा कि 'संभव है कि 52 कांग्रेसी सांसदों के खिलाफ कोई संस्था खड़ी हो, कोई भी खिलाफ खड़ा हो, हम 52 सांसदों को भाजपा के साथ पूरी शिद्दत से लड़ना है, उसे एक इंच भी गुंजाइश नहीं देना है. यही नहीं, बल्कि राज्यसभा के सदस्यों के मुद्दे पर भी'.

इसी बैठक में सभी कांग्रेसी सांसदों ने एकराय से सोनिया गांधी को कांग्रेस के संसदीय दल का नेता चुना. इस बैठक के बाद राहुल गांधी ने उपरोक्त ट्वीट किया जिसमें भाजपा को कोई वॉकओवर न देने की बात कही. राहुल ने कांग्रेस पार्टी का कायाकल्प करने का संकल्प दोहराते हुए सांसदों में जान फूंकने के लिए कहा कि 'इस बार जीते सभी कांग्रेसी सांसदों का नाम इतिहास में दर्ज होगा क्योंकि इस बार हम किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ ही नहीं, ​बल्कि कई संस्थाओं के खिलाफ लड़े'.

राहुल ने कहा कि 'ऐसा कोई संस्थान नहीं था, जिसने आपके खिलाफ लड़ाई नहीं की या आपको संसद में आने से न रोका लेकिन, आपने हर चुनौती का डटकर सामना करते हुए लोकसभा पहुंचने का सफर तय किया. इस लड़ाई पर आपको गर्व होना चाहिए'. राहुल ने अपने सांसदों को संविधान की रक्षा करने के लिए लड़ाई जारी रखने का संदेश दिया.

राहुल ने आगे कहा कि 'पूरे चुनाव के दौरान नफरत और गुस्से के हथियार दिखे लेकिन दूसरा तरीका था प्यार और सहानुभूति का, ​जो कांग्रेस का हथियार था. इसलिए भाजपा बार बार कहती है कि 'कांग्रेस मुक्त भारत' बनाना है क्योंकि कांग्रेस के अलावा कोई और उसका जवाब हो नहीं सकता और बगैर कांग्रेस के वो अपने सभी मंसूबे पूरे कर सकेगी'.

राहुल ने अपने सांसदों से इस बार संसद में और ज़्यादा आक्रामक होने को कहा. 'पिछली बार अगर स्पीकर हमें बोलने के लिए पांच मिनट का वक्त देते थे, तो हो सकता है कि इस बार दो ही मिनट का वक्त दें, लेकिन हमें इन दो मिनटों में ही अपनी भूमिका ताकत से निभानी है कि हम संविधान की रक्षा में खड़े हो सकें'.

इसके साथ ही, राहुल ने सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया और कहा कि उन्हें कोई शक नहीं है कि कांग्रेस फिर ताकत के साथ खड़ी होगी. उन्होंने आखिर में कहा कि 'ये स्थिति बिल्कुल अंग्रेज़ों के समय जैसी है, जब हर किस्म की संस्था कांग्रेस के खिलाफ थी और ऐसी विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस ने लगातार संघर्ष किया और जीत हासिल की. और अब हमें वही इतिहास दोहराना है'.