‘‘हालांकि इस बात पर बहुत चर्चा हुई है कि धूम्रपान विभिन्न बीमारियों का कारण कैसे बन सकता है, लेकिन इस बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है कि धूम्रपान का पुरुष प्रजनन क्षमता पर भी दुष्प्रभाव पडता है, विशेष रूप से – स्पर्म डीएनए पर। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि 42.4 प्रतिशत पुरुष और 14.2 प्रतिशत महिलाएं धूम्रपान करती हैं। सिगरेट में निकोटीन और कैडमियम होता है, जिसे हम साँस के जरिए जब अंदर लेते हैं, तो यह डीएनए संरचना को नुकसान पहुंचाते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि स्पर्म डीएनए को नुकसान के कारण गर्भावस्था की स्थिति देर से हासिल होती है और बार-बार गर्भपात का जोखिम भी हो सकता है। गर्भपात कई कारणों से भी हो सकता है, जिनमें भ्रूण में असामान्य गुणसूत्र का होना, महिलाओं से संबंधित हार्मोनल समस्याएं या महिला की बच्चेदानी से जुडी समस्याएं, या फिर एक पुरुष के हाई डीएफआई (डीएनए फ्रेगमेन्टेशन इंडेक्स) के कारण भी बार-बार गर्भपात हो सकता है और अगर पहले इलाज नहीं किया गया हो, तो आईवीएफ में भी बार-बार विफलता मिलती है। डॉ मनीष बैंकर, मेडिकल डायरेक्टर, नोवा इवी फर्टिलिटी के अनुसार, शुक्राणु की अच्छी गुणवत्ता की कुंजी डीएनए में निहित है, जो खराब हो सकते हैं या क्षतिग्रस्त हो सकते हंै। शरीर में अन्य कोशिकाओं की तरह स्पर्म में कोशिकाओं का इलाज नहीं किया जा सकता है, और इस तरह स्पर्म डीएनए फ्रेगमेन्टेशन की स्थिति आ जाती है, जो पुरुष बांझपन का एक प्रमुख कारण है। जब इस प्रकृति का एक शुक्राणु एक अंडे में निषेचन करता है, तो यूं समझ लीजिए कि गर्भपात के लिए भूमिका तैयार हो रही है। इसके अलावा, गर्भवती महिला अगर सिगरेट का नियमित उपयोग करती है, भले ही यह थोड़ी मात्रा में हो, पर इससे भ्रूण का विकास अवरुद्ध होता है। भारी धूम्रपान करने वालों के मामले में शुक्राणु विश्लेषण आमतौर पर शुक्राणु के समग्र स्वास्थ्य को समझने के लिए किया जाता है, हालांकि, स्पर्म पैरामीटर्स को समझने के लिए इसके बाद डीएफआई परीक्षण किया जाना चाहिए। हाई डीएफआई के मामलों में, जोड़े असिस्टेड फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में बेहतर सफलता के लिए आईसीएसआई (इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन) के साथ मैग्नेटिक-एक्टिवेटेड सैल साॅर्टिंग (एमएसीएस) का विकल्प चुन सकते हैं। इस बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर, आइए, हम एक तंबाकू मुक्त जीवन जीने की प्रतिज्ञा करें और खुद के भविष्य के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर जिंदगी देने लिए एक स्वस्थ जीवन शैली चुनें।‘‘