नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में भाजपा को 190-210 सीटें मिलने का अनुमान है। पार्टी को उत्तर प्रदेश में सीटों के लिहाज से बड़ा झटका लग सकता है। यह अनुमान Ambit Capital की एक रिपोर्ट में व्यक्त किया गया है। रिपोर्ट में एनडीए को 220-240 सीटें मिलने की बात कही गई है।

बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी रिपोर्ट में बताया गया है इस बार चुनाव में मोदी लहर बिल्कुल कमजोर है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी- बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन 40-50 फीसदी वोट शेयर हासिल कर रहा है।

भाजपा को यहां 30-35 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। एंबिट कैपिटल एक ब्रोकरेज फर्म है जो रिसर्च का काम भी करती है। इनका मानना है कि चुनाव के बाद केंद्र में सरकार बनाने के लिए एनडीए को कम से कम चार बड़े क्षेत्रीय दलों के साथ हाथ मिलाना होगा। जमीनी हकीकत के आधार पर सट्टेबाज चुनाव के बाद मायावती की पार्टी बसपा के नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व वाली भाजपा से हाथ मिलाने की संभावना से भी इनकार नहीं कर रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के 6 चरण का मतदान हो चुका है। वहीं 7वें और अंतिम चरण का मतदान 19 मई को होना है। आखिरी चरण में 59 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। चुनाव परिणाम 23 मई को घोषित किए जाएंगे।

रिपोर्ट को लिखने वाले एंबिट कैपिटल की रितिका एम. मुखर्जी और सुमित शेखर का कहना कि लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए को मिलने वाले सीटों की संख्या 220-240 के आसपास रह सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार एनडीए को उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक नुकसान होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में बसपा, सपा और राष्ट्रीय लोकदल के बीच चुनाव से पहले हुआ गठबंधन निश्चित रूप से भाजपा को नुकसान पहुंचाता दिख रहा है। रिपोर्ट कहती है, ‘ गोरखपुर में राजनेताओं के साथ ही छोटे व्यापारियों और एकेडेमिशियन के साथ हुए बैठक में यह सामने आया कि पार्टी को राज्य में सबसे बड़ा नुकसान होने जा रहा है।’

2014 के वोट शेयर के आधार पर देखें तो मायावती की बसपा तीसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी थी। हालांकि, वह पिछले लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाई थी। एंबिट की रिपोर्ट के अनुसार CY09 चुनाव आंकड़ों के अनुसार सपा और बसपा को मिलाकर वोट शेयर 51 फीसदी था, वहीं CY14 में यह वोट प्रतिशत 42 फीसदी थी।

यह मानते हुए इस बार मोदी लहर बिल्कुल कमजोर पड़ चुकी है, 2009 और 2014 के आधार पर इस बार सपा-बसपा को संयुक्त वोट शेयर 45 फीसदी हो सकता है। वहीं भाजपा का वोट शेयर 2019 के 42.6 फीसदी की तुलना में घटकर 34.2 फीसदी रहने का अनुमान है।