नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर नेताओं के मुखारबिंद से बयानबाजी का सिलसिला जारी है और साथ ही पार्टियों को छोड़ने और नए दलों को ज्वाइन करने का सिलसिला जारी है, खास बात ये कि पार्टियां बदलने वाले नेता अपने आपको छोड़ने वाली पार्टी में सहज ना होने की बात कहता है।

इसी प्रकार के ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस की नेशनल स्पोकपर्सन और मुखर वक्ता रहीं प्रियंका चतुर्वेदी का कांग्रेस से मोहभंग हो गया और उन्होंने शिवसेना को अपना नया घर बना लिया है।

शिवसेना में शामिल होने के मौके पर उन्होंने कहा कि वह उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को फिर से पार्टी में शामिल करने को लेकर परेशान थीं जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।प्रियंका ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'यह सच नहीं है कि लोकसभा टिकट ना दिए जाने के बाद मैंने कांग्रेस छोड़ी।'दूसरी तरफ, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रियंका मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ना चाह रही थीं, लेकिन टिकट नहीं मिलने से नाराज थीं।

प्रियंका ने कहा, 'पिछले कुछ हफ्तों में ऐसी चीजें हुईं जिनसे मुझे इसका अहसास हो गया कि संगठन को मेरी सेवा का कोई मूल्य नहीं है। मुझे यह भी लगा कि मैं जितना समय संगठन में रहूंगी, मुझे उतना अपने आत्मसम्मान और स्वाभिमान की कीमत चुकानी पड़ेगी।'

उन्होंने मथुरा की घटना की जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी ने चीजों की 'जिस तरह से उपेक्षा' की उससे स्पष्ट हो गया है कि अब मुझे कांग्रेस के बाहर जाना होगा। प्रियंका ने यह भी कहा कि वह राहुल गांधी, उनका उत्साहवर्धन करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का पूरा सम्मान करती हैं।