नई दिल्ली: 2014 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर उन्हें एहसान फरामोश बताया है. कहा है- अगर मैने गुजरात चुनाव के दौरान मणिशंकर अय्यर के जंगपुरा स्थित घर पर छह दिसंबर 2018 की शाम पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की हुई मीटिंग का खुलासा न किया होता तो बीजेपी यह चुनाव शर्तियां हार जाती. पीएम मोदी ने बाद में मणिशंकर अय्यर के घर हुई इस मीटिंग को देश की सुरक्षा से जोड़ते हुए चुनावी रैलियों में भुनाया था, उनके भाषणों में इसका जिक्र है. इसके चलते हुए ध्रुवीकरण के सहारे बीजेपी हारते हुए भी गुजरात चुनाव जीतने में सफल रही."अग्रवाल के मुताबिक खुद संघ के शीर्ष नेता भी यह बात स्वीकार करते हैं.

अपने दावे के समर्थन में अजय अग्रवाल ने संघ के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होशबोले के साथ फोन पर हुई कथित बातचीत का ऑडियो भी जारी किया है. जिसमें दत्तात्रेय कथित तौर पर यह कहते सुने जा सकते हैं कि उस खुलासे(पाक उच्चायुक्त के साथ मनमोहन की मीटिंग) ने बीजेपी को गुजरात जिता दिया. अजय अग्रवाल ने पीएम मोदी को लिख पत्र में दावा किया कि यदि निष्पक्ष चुनाव होंगे तो आप जो चार सौ सीटों का दावा कर रहे हैं, उसकी जग देशभर में सिर्फ 40 सीटों पर भी सिमट सकते है. यह सदमा झेलने के लिए आप तैयार रहें.एनडीटीवी से बातचीत में अजय अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने बहुत दुखी मन से यह चिट्ठी पीएम मोदी को लिखी है.

पीएम मोदी को लिखे अपने खुले पत्र में अजय अग्रवाल ने उनसे अपने पुराने रिश्ते की दुहाई देते हुए कई आरोप लगाए हैं. कहा है कि 28 वर्षों के पुराने परिचय और बीजेपी के पुराने 11 अशोका रोड वाले दफ्तर पर आपके साथ कम से कम सौ बार भोजन करने के बाद मेरे साथ जो सलूक हुआ, वह बहुत बुरा है. नोटबंदी के दौरान हुए भ्रष्टाचार को लेकर कई बार आपको पत्र लिखकर जमीनी सच्चाई से रूबरू कराने की कोशिश की, मगर कार्रवाई की जगह उल्टे आपकी नाराजगी का शिकार हो गया. अजय अग्रवाल ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि आप मेरे जैसे अन्य कार्यकर्ताओं को भी गुलाम की ही तरह इस्तेमाल करते हैं और कार्यकर्ता अपना घर द्वार छोड़कर 24 घंटे आप के जुमलों के झांसे में आकर काम करता रहता है और उसको वह सम्मान भी नहीं मिलता जिसका कि वह हकदार है. अजय अग्रवाल ने कहा है कि रायबरेली चुनाव इतिहास में बीजेपी की तरफ से सबसे ज्यादा एक लाख तिहत्तर हजार सात सौ इक्कीस वोट प्राप्त कर मैने गांधी परिवार के गढ़ में पार्टी की प्रतिष्ठा बढ़ाई. जबकि 2014 से पूर्व के चुनावों में बीजेपी प्रत्याशियों को बहुत कम वोट मिलते थे. नजीर के तौर पर देखें तो रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में 2004 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी गिरीश चन्द्र पाण्डेय को महज 31,290 वोट मिले, वहीं 2006 के उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी विनय कटियार को महज 19,657 वोट नसीब हुए. जबकि 2009 में आर.बी. सिंह को भी सिर्फ 25,444 वोट मिले.फिर भी मेरा टिकट काटकर एक दागी छवि के प्रत्याशी को इस बार बीजेपी ने रायबरेली से टिकट दिया है. मेरा दावा है कि पार्टी प्रत्याशी को 50 हजार से ज्यादा वोट नहीं मिलेगा.