नई दिल्ली: पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की दृढ़ता दिखाते हुए शनिवार को सभी दलों ने इस बात को रेखांकित किया कि हम भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। भाजपा और कांग्रेस सहित सभी दलों ने एक प्रस्ताव पारित करते हुए आतंकवादी हमले और सीमा-पार से उसे मिल रहे समर्थन की निंदा की। प्रस्ताव में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया लेकिन इस बात पर जोर दिया गया कि भारत सीमा पार से आतंकवादी खतरे का सामना कर रहा है जिसे हाल ही में पड़ोसी देश के बलों द्वारा काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

उसने कहा, ‘‘ भारत ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए दृढ़ता दिखाई है। इन चुनौतियों से लड़ने में पूरा देश दृढ़ संकल्प व्यक्त करने को एक स्वर है। आज, हम भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने सुरक्षा बलों के साथ एकजुट हो कर खड़े हैं।’’ गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह बैठक बुलाई है जिसमें कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय एवं डेरेक ओ’ब्रायन, शिवसेना के संजय राउत, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के जितेंद्र रेड्डी, भाकपा के डी राजा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और लोजपा के रामविलास पासवान समेत कई अन्य नेता शामिल हैं।

अकाली दल के नरेश गुजराल, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा और राजद जय प्रकाश नारायण यादव और शिवसेना के संजय राउत भी बैठक में शामिल हुए। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दलों को पुलवामा में हुए हमले और सरकार ने अब तक इस संबंध में क्या-क्या कदम उठाएं हैं इस बारे में सूचित किया। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हुए सबसे बड़े आतंकवादी हमलों में से एक में सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।