श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार शाम हुए हमले में जैश के आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है।

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे।

इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से दूसरे राज्यों में कश्मीरी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश देने की अपील की। उमर ने कहा कि इस तनावपूर्ण माहौल में दूसरे राज्यों में कश्मीरी लोगों को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है।

उमर ने ट्वीट किया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी से मेरी अपील है कि कृपया सभी राज्य सरकारों को ऐसे इलाकों, कॉलेजों, संस्थानों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम करने का निर्देश दें जहां कश्मीरी लोग रह रहे हैं या पढ़ाई कर रहे हैं। इस तनावपूर्ण माहौल में उनको आसानी से निशाना बनाया जा सकता है।उन्होंने लोगों से अपील कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो और शांति बनाए रखें।

अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू में गुरूवार को कश्मीरियों या मुसलमानों ने नहीं बल्कि आतंकवादियों ने हमारे सीआरपीएफ (CRPF)के जवानों पर हमला किया। यह हिंसा कुछ लोगों द्वारा किसी और को दोषी ठहराने का आसान जरिया है।

हमले के मद्देनजर शुक्रवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई। बैठक में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, तीनों सेनाध्यक्ष और CRPF के डीजी ने भाग लिया। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग किया जाएगा। पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया गया है।