कोलकाता: सीबीआई को चिटफंड घोटाला मामलों में कोलकाता के पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ की इजाजत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होकर सभी अवसरों पर जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं।अदालत ने इसके लिए मेघालय की राजधानी शिलांग को चुना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह इसका सम्‍मान करेंगी। इसके बाद उन्होंने मंगलवार (5 फरवरी) की देर शाम धरना खत्म करने की घोषणा की और कहा कि प्रधानमंत्री आप इस्तीफा दो और वापस गुजरात जाओ। वहीं, भाजपा ने कोर्ट के इस आदेश पर ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है।

ममता बोलीं कि पुलिस कमिश्‍नर ने कभी नहीं कहा कि सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे। उन्‍होंने इस फैसले को अपनी जीत बताते हुए कहा ”कोई ये नहीं समझे कि वो देश का बॉस है, हमारे यहां लोकतंत्र है।” धरना खत्म करने के मौके पर उन्होंने कहा, “धरना (संविधान बचाओ) संविधान और लोकतंत्र की जीत है। इसलिए हमने इसे समाप्त करने का निश्चय किया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज एक सकारात्मक फैसला सुनाया है। अगले हफ्ते हम इस मुद्दे को दिल्ली में उठाएंगे। केंद्र सरकार राज्य की एजेंसियों सहित सभी एजेंसियों को नियंत्रित करना चाहती है। प्रधानमंत्री आप दिल्ली से इस्तीफा दो और वापस गुजरात जाओ। वहां एक आदमी एक पार्टी की सरकार है। ”

न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी, कोलकाता पुलिस आयुक्त को सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर अवमानना याचिकाओं पर जवाब दायर करने को कहा है। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सीबीआई की ओर से बहस शुरू की। उन्होंने शारदा चिटफंड घोटाला मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया। अटॉनी जनरल ने आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस ने छेड़छाड़ किए हुए कॉल डेटा रिकॉर्ड मुहैया कराए। उन्होंने यह भी कहा कि चिटफंड घोटाले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार कर रहे थे। कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने अपने नंबर बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया।