नई दिल्ली: केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर लगे यौन शोषण जैसे संगीन आरोपों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने #MeToo कैंपेन में चौतरफा घिरे अकबर पर चुप्पी साधे रहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आलोचना की है. कांग्रेस ने कहा,‘जो हो रहा है वो साफ नज़र आ रहा है, लेकिन ये अस्वीकार्य है.' कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या सरकार 'यौन कुंठितों' को बचा रही है?

'दरअसल, राजनीति में आने से पहले कई मीडिया घरानों में संपादक रह चुके विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर अब तक 10 से ज्यादा पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोप लगाए हैं. हालांकि, विदेश राज्य मंत्री ने न सिर्फ महिला पत्रकारों के आरोपों को खारिज किया, बल्कि आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी तक दी है.

रविवार को नाइजीरिया दौरे से लौटते ही एमजे अकबर ने बयान जारी कर कहा कि इन आरोपों से मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आशंका जताई कि ऐसा आने वाले चुनावों के मद्देनज़र किसी एजेंडे के तहत किया जा रहा है.

एमजे अकबर ने पूरे मामले पर सफाई दी. उन्होंने 20 साल बाद आरोप लगाने पर भी सवाल उठाए हैं. अकबर ने कहा, 'कई महिलाओं ने तो 20 साल पुरानी बातों का जिक्र किया है वो महिलाएं अब तक क्यों चुप थीं?' उन्होंने सवाल किया, 'जिस वक्त उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं उसके बाद भी मैंने कई महिलाओं के साथ काम किया है, तब भी किसी ने क्यों कुछ नहीं बोला. किसी ने अबतक शिकायत क्यों नहीं कराई, उसकी एक ही वजह है कि मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है.'

हालांकि, कांग्रेस ने एमजे अकबर के इस बयान पर पलटवार किया है. कांग्रेस ने पूछा, 'अकबर कौन से जनाधार वाले नेता हैं और एक राजनेता के तौर पर उनकी छवि कुछ भी नहीं है.' कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा, 'अकबर पर लगे आरोपों के पीछे कोई भी राजनीतिक साजिश नहीं है और अगर बीजेपी इन्हीं कैबिनेट से बाहर नहीं करती है तो उसे महंगा पड़ेगा.'