लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को बड़ा झटका लगा है। महाराजगंज की जिला अदालत ने करीब 19 साल पुराने हत्या के एक मामले में उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है। हत्या का यह मामला फरवरी, 1999 का है और गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के एक नेता के सुरक्षा अधिकारी अधिकारी की हत्या से जुड़ा है। ऐसे में नोटिस भेजा जाना ना सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए बड़ी परेशानी की बात है बल्कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए खासा परेशानी भरा हो सकता है।

टाइम्स नाऊ न्यूज ने केस से जुड़ी डायरी के हवाले से बताया कि पूर्व एसपी लीडर तलत अजिया के निजी सुरक्षा अधिकारी प्रकाश यादव की महाराजगंज में प्रदर्शन के दौरान हत्या कर दी गई थी। इस मामले में यह आरोप लगाया कि एसपी नेता के जेल भरो आंदोलन के दौरान योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में एक ग्रुप ने कथित तौर पर हवाई फायर किया था। यहा घटना 10 फरवरी, 1999 की है।

इससे पहले मुकदमे को फिर से खोलने वाली याचिका को मार्च 2018 में सबूतों की कमी के कारण सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया था। इसके बाद सपा नेता अजीज ने लखनऊ हाईकोर्ट में रिव्यू पेटिशन दाखिल की। जिसके बाद कोर्ट ने सत्र न्यायालय को केस में ट्रायल दोबारा शुरू करने को कहा।

मामले में नया डेवलपमेंट यह है कि महारजगंज के सत्र न्यायालय ने अब केस में आरोपी सीएम योगी आदित्य नाथ और अन्य लोगों को नोटिस भेजा है। मुख्यमंत्री मामले में जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने सीएम योगी के इस्तीफे की मांग की है। पारी ने कहा कि उन्हें सीएम बने रहने का अब कोई नैतिक अधिकार नहीं है।