लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार ने 18 अगस्त से प्रदेश के सभी मदरसों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। उत्तर प्रदेश में मदरसों के प्रबंधन में कई महीनों से गड़बड़ी की शिकायत आ रही थी। 15 अगस्त को मदरसों में राष्ट्रीय ध्वज को फहराना अनिवार्य करने के बाद मदरसों से जुड़ा राज्य सरकार का ये दूसरा बड़ा और अहम फैसला है।

उत्तर प्रदेश में कई मदरसे ऐसे हैं जो राज्य सरकार से आर्थिक सहायता पाते हैं और उन्हें कई दूसरे स्रोतों से पैसा मिलता है। सरकार इन पर निगाह रखना चाह रही है। उत्तर प्रदेश सरकार मदरसों के प्रबंधन का एकसूत्रीकरण करना चाहती है, ताकि मदरसों की पूरी गतिविधियों पर राज्य सरकार की निगाह रहे। योगी सरकार के इस फैसले पर एनसीपी नेता माजिद मेमन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि योगी सरकार वैसे ही कदम उठा रही ही है जिससे राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द्र की भावना बिगड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को मदरसों को अलग आईने में नहीं देखना चाहिए।

एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 8000 मान्यता मदरसे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों के लिए 394 करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर रखा है। इधर यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा है कि यूपी सरकार के तहत आने वाले सभी मदरसों के रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाएगा और उन्हें पोर्टल पर डाला जाएगा। मोहसिन रजा के मुताबिक यूपी सरकार का ये कदम पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने के अनुरुप है। उन्होंने कहा कि मदरसों की जानकारी ऑनलाइन होने से सरकार को प्रबंधन में सुविधा होगी और मदरसों से जुड़ी सारी जानकारियां एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी।