मुख्यमंत्री ने किया उ0प्र0 फसल ऋण मोचन योजना का शुभारम्भ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सत्ता में आते ही राज्य सरकार ने अपनी पहली ही बैठक में प्रदेश के किसानों के फसली ऋण माफी का फैसला लिया, जिससे 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों को राहत मिली। इसके लिए उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना लागू की गयी। राज्य सरकार किसानों के उत्थान के लिए हर प्रकार के प्रयास करेगी, ताकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया उसे पूरा किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना के शुभारम्भ अवसर पर लखनऊ जनपद के पात्र किसानों के लिए आयोजित ऋण मोचन प्रमाण-पत्र वितरण समारोह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सरकार बनने से पहले हमने प्रण किया था कि सत्ता में आने के उपरान्त किसानों के फसली ऋण हर हाल में माफ किये जाएंगे। यह ऋण माफी किसानों के ऊपर कोई एहसान नहीं है, बल्कि ये उनका हक है। राज्य सरकार किसानों के हक में अनेक निर्णय ले रही है, जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है। ऋण माफी का फैसला किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ज्ञातव्य है कि कार्यक्रम के दौरान लखनऊ जनपद के 7,574 किसानों को लाभान्वित किया गया। पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर इस योजना के तहत पात्र किसानों को लाभान्वित किया जाएगा।

योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हक में ऐसी व्यवस्था करने जा रही है, जिसमें किसानों के राजस्व खाते, खतौनी इत्यादि आवश्यक विवरण उनके आधार नम्बर से जोड़े जाएंगे, जिसके चलते अब उनकी जमीनों को हड़प पाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को हर प्रकार की सुरक्षा प्रदान करेगी।

योगी जी ने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकालों के दौरान किसानों को खाद, बीज लेने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता था और अकसर लाठियां भी खानी पड़ती थीं, लेकिन जब से केन्द्र में श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार बनी है स्थिति बदल गयी है। अब उत्तर प्रदेश में इस सरकार के कार्यकाल में किसानों को खाद, बीज के लिए कोई संघर्ष नहीं करना पड़ रहा है। खेती के लिए आवश्यक वस्तुएं खाद बीज इत्यादि आसानी से किसान को उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा था क्योंकि पिछली सरकारों का फोकस किसान पर नहीं था। उन्हें किसानों की समस्याओं के समाधान से कोई मतलब नहीं था, परन्तु अब स्थिति बदल गयी है और केन्द्र और राज्य सरकार के केन्द्र में किसानों का उत्थान है।

मुख्यमंत्री जी ने फसल ऋण मोचन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत राज्य सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त किसानों द्वारा 31 मार्च, 2016 तक लिए गये फसली ऋण में 2016-17 में जमा की गयी धनराशि को घटाते हुए 31 मार्च, 2017 तक बकाया धनराशि का एक लाख रुपये की सीमा तक ऋण मोचन करने का फैसला लिया गया है। इस निर्णय के फलस्वरूप 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसान लाभान्वित होंगे। इससे प्रदेश सरकार पर 36 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आया है, जिसकी भरपाई राज्य सरकार द्वारा वित्तीय अनुशासन कायम रखते हुए की गयी है।

योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से किसानों की आर्थिक स्थ्तिि में सुधार होगा और उनके क्रय शक्ति में बढ़ोत्तरी होने से पूरे प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस योजना के तहत प्रथम चरण में ऐसे किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है, जिनके ऋण खाते आधार कार्ड से जुड़ चुके हैं। इसके पश्चात जो पात्र किसान शेष बचेंगे उनको दूसरे व तीसरे चरण में लाभान्वित किया जाएगा। किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा सम्बन्धित बैंकों को इस योजना से आच्छादित किसानों को नोटिस न देने और उनके विरुद्ध कार्रवाई न करने का अनुरोध पहले ही किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की हर सम्भव मदद कर रही है। उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलना भी सुनिश्चित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा स्थापित किये गये गेहूं खरीद केन्द्रों के माध्यम से इस वर्ष किसानों से गेहूं की रिकाॅर्ड 37 लाख मीट्रिक टन खरीद हुई। इसी प्रकार, बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत किसानों का एक लाख मीट्रिक टन आलू खरीदने की व्यवस्था की गयी, जबकि गन्ना किसानों को 23,500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करवाया गया। बाकी बचे 2000 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भी शीघ्र भुगतान करवाया जाएगा। गन्ना किसानों की सुविधा के लिए कतिपय बन्द चीनी मिलों को पुनः शुरू करने एवं उनकी क्षमता तथा तकनीक में सुधार का निर्णय भी लिया गया है।

योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार इस वर्ष किसानों से धान भी खरीदेगी। धान खरीद में समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 15 रुपये प्रति कुन्तल की धनराशि भी किसान को दी जाएगी। प्रदेश के किसानों में ‘ड्रिप इरीगेशन’ पद्धति को बढ़ावा देने की दृष्टि से उन्हें 80 प्रतिशत तक मदद दी जाएगी। किसानों को सोलर पम्प भी उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रदेश के 7 लाख किसानों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अनेक किसानों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बुन्देलखण्ड सहित प्रदेश के तमाम शहरी क्षेत्रों में छुट्टा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए गो सेवा आयोग को इन क्षेत्रों के छुट्टा पशुओं के लिए व्यवस्था करने का दायित्व सौंपा जाएगा और गोचर के लिए भूमि उपलब्ध करायी जाएगी। किसानों तथा ग्राम पंचायत की जमीनों को भू-माफिया से बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है, जिसके सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। इसके लिए एक पोर्टल भी लाॅन्च किया जा चुका है, जिस पर अवैध कब्जे से सम्बन्धित सूचनाएं दी जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गयी जनधन योजना का लाभ किसानों को मिल रहा है। इसके तहत अब तक
25 करोड़ से अधिक ज़ीरो बैलेंस खाते खोले जा चुके हैं और हर प्रकार की सब्सिडी इन खातों में सीधे अन्तरित की जा रही है। इनमें बड़ी संख्या में किसान भी शामिल हैं। केन्द्र सरकार द्वारा चीनी मिलों को दी जाने वाली सब्सिडी से लाभान्वित होने वाले किसानों के खातों में सीधे धनराशि पहुंच रही है।

योगी जी ने कहा कि पिछले 15 वर्षाें के दौरान किसानों की दशा बहुत खराब हुई। राजनीति का अपराधीकरण हुआ। वर्तमान सरकार उत्तर प्रदेश से भ्रष्टाचार को समाप्त करते हुए सुशासन लाएगी। किसान की कोई जाति और मज़हब नहीं होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वच्छ, भ्रष्टाचार व जातिवाद मुक्त भारत के निर्माण में अपना सकारात्मक योगदान देगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए फसली ऋण माफी योजना लागू करके किसानों को लाभान्वित किया है। यह कार्य उन्होंने 100 दिन के अन्दर किया, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। आज प्रदेश के छोटे किसानों के लिए उत्सव का दिन है। यह एक करिश्माई काम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अब तक किसानों के हित में कई काम किये जा चुके हैं, जिनमें गेहूं खरीद, आलू खरीद इत्यादि शामिल हैं।

श्री सिंह ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य हर हाल में मिलना चाहिए। केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की उपज दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे किसानों की खेती में लगने वाली लागत को कम करके हासिल किया जा सकता है, जिसके लिए मोदी सरकार ने खाद की कीमत में कमी की है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से आज बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हो रहे हैं। कम प्रीमियम देकर अधिक बीमा हो रहा है। सभी प्रमुख मण्डियां इण्टरनेट से जोड़ी गयी हैं और किसान अपनी फसल प्रदेश की किस मण्डी में बेचना चाहता है, इसकी सूचना उसे इण्टरनेट के माध्यम से मिल रही है। अभी हमें किसानों की प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने की दिशा में काम करना है। किसान व गरीब को खुशहाल बनाकर ही नये भारत का निर्माण सम्भव। उन्होंने किसानों को आॅर्गेनिक फार्मिंग और ड्रिप सिंचाई अपनाने का सुझाव दिया। केन्द्र सरकार राज्य मंे फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने में प्रदेश सरकार की मदद करेगी।