लखनऊ: कानपुर में पिछले शुक्रवार को पुलिस मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने का जिम्मेदार दुर्दांत हत्यारा विकास दूबे (vikas dube) आज मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. हत्याकांड को अंजाम देने के बाद यहां-वहां भागा फिर रहा विकास दूबे उज्जैन (ujjain) के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर (mahakal mandir) में दर्शन के लिए पहुंचा था. बड़ा सवाल यह की दर्शन उसका मकसद था या आत्मसमर्पण (surrender).

विकास दूबे की तलाश में दिन-रात जुटी पुलिस को विकास जितनी आसानी से मिल गया है उससे बहुत से अहम सवाल खड़े हुए हैं, जिनके जवाब ढूंढने बहुत ज़रूरी हैं . कानपूर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद विकास दूबे पुलिस को लगातार चकमा देता आया था लेकिन अब अचानक मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में सामने आना और अपने को विकास दुबे बताना फिर गिरफ्तार होना कई सवाल खड़े करता है.

कानपुर (kanpur) के हत्याकांड के लिए विकास दूबे के गैंग ने जिस तरह की तैयारी की थी उससे यह साफ था कि पुलिस के छापेमारी की खबर उन्हें पहले से ही थी. स्थानीय चौबेपुर के तत्कालीन थाना इंजार्च विनय तिवारी (vinai tiwari) पर विकास दूबे से मिलीभगत के भी आरोप हैं. फिलहाल तिवारी पुलिस की गिरफ्त में हैं. इस केस में पुलिस की भूमिका शक के दायरे में है, बहुत से पुलिस वालों से पूछताछ चल रही है. ऐसे में यह सामने आना बहुत जरूरी है कि विकास दूबे को छापेमारी (raid) की सूचना किसने दी.

मुठभेड़ में आठ पुलिसवालों की बेरहमी से हत्या करने के बाद विकास दूबे और उसके कुछ साथियों का फरार होना सवाल उठाता है कि वारदात को अंजाम देने के बाद विकास दूबे ने भागने की योजना कैसे बनाई और कैसे एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश तक भागता-फिरता रहा.

विकास दूबे फरीदाबाद (faridabad) में दिखा और पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गया| सवाल उठता है कि क्या उसे पहले से पुलिस के आने की जानकारी थी?

विकास दूबे आखिर इतने आराम से कैसे यहाँ वहां जाता रहा और पुलिस की 40 टीमों से बचता रहा| क्या कोई उसकी मदद कर रहा था और अगर कर रहा था तो कौन कर रहा था ?

गिरफ्तारी के बाद यह सवाल भी उठ रहे हैं कि अपने साथियों के लगातार एनकाउंटर से विकास दूबे डर गया था और उसे भी अपने एनकाउंटर (encounter) का खौफ था?सबसे अहम सवाल है कि क्या विकास दूबे ने अपनी गिरफ्तारी जानबूझकर करवाई है? क्या यह गिरफ्तारी उसका अपना प्लान का हिस्सा है?

विकास दूबे की गिरफ़्तारी पर मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश की सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, बधाइयों का दौर जारी हो चूका है, इनाम का दौर भी जारी होगा मगर सवालों का दौर भी चलेगा| विपक्ष इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाने भी लगा है जो उठना लाज़मी भी हैं | अब देखना है कि विकास गिरफ़्तारी के बाद क्या खुलासे करता है| करता भी है या नहीं|