नई दिल्ली: ममता बनर्जी ने तीन दिन पहले रायदिघी की चुनावी जनसभा में ममता बनर्जी ने असदुद्दीन ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी की बजाय टीएमसी के पक्ष में एकजुट होकर वोट देने की अपील की थी. ममता की इस अपील पर पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में हिंदू वोटों को सियासी संदेश दे दिया है साथ ही ममता पर हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करने का आरोप भी लगा दिया.

बंगाल के कूचबिहार में पीएम मोदी ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी पर हिंदू-मुस्लिम के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाया. मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी को खुलेआम मुस्लिमों के वोट मांगने पड़ रहे हैं, यही दिखाता है कि मुस्लिम वोट बैंक आपके हाथ से छिटक गया है. लेकिन ममता बनर्जी को चुनाव आयोग का नोटिस अभी तक नहीं आया. मोदी ने कहा कि अगर हमने कहा होता कि सारे हिन्दू एक हो जाओ और बीजेपी को वोट दो, तो हमें चुनाव आयोग का नोटिस आ जाता.

नरेंद्र मोदी एक तरफ तो मुस्लिमों को एकजुट करने पर ममता बनर्जी पर निशाना साध गए तो दूसरी तरफ यह भी कह दिया कि अगर हिंदुओं को एकजुट करने की अपील करते तो चुनाव आयोग नोटिस दे देता. इस तरह से पीएम मोदी कुछ न कहते हुए भी ममता बनर्जी के बयान के बहाने ध्रुवीकरण का मास्टरस्ट्रोक चल गए. मोदी ने भले ही हिंदुओं को एकजुट होने की अपील न की हो, लेकिन राजनीतिक संदेश जरूर दिया है. हालांकि, पीएम मोदी ने कहा कि दीदी को तिलक लगाने वालों, भगवा पहनने वालों से दिक्कत है. ममता दीदी इस चुनाव में सेल्फ गोल कर चुकी हैं और ममता के गुस्से को देखकर पता लगता है कि वो चुनाव हार गई हैं.

बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीन अप्रैल को रायदिघी की एक जनसभा में एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और आईएसफ के अध्यक्ष अब्बास सिद्दीकी पर बड़ा हमला बोला था. ममता ने आरोप लगाया था कि ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी को बीजेपी की तरफ से हिंदू और मुस्लिमों को बांटने के पैसे मिले हैं. मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमारी संस्कृति है कि हिंदू और मुस्लिम एक साथ चाय पीते हैं. एक साथ दुर्गा पूजा और काली पूजा मनाते हैं. हमारे गांवों में अशांति होने पर बीजेपी को फायदा होगा. टीएमसी अध्यक्ष ने मुसलमानों से अपील की कि जो शख्स हैदराबाद से आया है और ‘फुरफुरा शरीफ के एक जवान लड़के’ को वोट न दें.